कुरलुकउ करे नवदल जाबे...हल्बी विवाह गीत
कोंडागांव (छत्तीसगढ़) से साथी खीरेन्द्र यादव जी एक पारंपरिक हल्बी गीत गा रहे हैं जिसे शादी के मौके पर गाया जाता है| इस गीत में लडकी लड़के से बोल रही है कि हम जंगल जाएंगे, फल तोड़कर लाएंगे, खुद खाएंगे और सभी को खिलाएंगे | ये गीत लड़के और लडकी को शादी मंडप के चारों ओर झुलाते हुए गाया जाता है :
कुरलुकउ करे नवदल जाबे, कुरलुकउ करे नवदल जाबे, कुरलुकउ करे नवदल जाबे
सात धंगड़ा रे धंगडी जाबे, सात धंगड़ा रे धंगडी जाबे, सात धंगड़ा रे धंगडी जाबे
कोन मारी रे नवदल जाबे, कोन मारी रे नवदल जाबे, कोन मारी रे नवदल जाबे
औरा मारी रे नवदल जाबे, औरा मारी रे नवदल जाबे, औरा मारी रे नवदल जाबे