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स्मृति से तंग परमाणु वैज्ञानिक का इस्तीफा

ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Thu, 19 Mar 2015 09:17 AM IST
anil kakodkar resign.
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विवादों का केंद्र बना मानव संसाधन मंत्रालय एक नए विवाद में फंस गया है। प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोदकर ने मंत्रालय के कामकाज के तरीके से तंग आकर आईआईटी बंबई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। आईआईटी पटना, रोपड़ और भुवनेश्वर के निदेशकों की चयन प्रक्रिया झगडे़ की जड़ मानी जा रही है।



मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर आरोप है कि वह अपनी पसंद के लोगों को निदेशक पद पर बैठाना चाहती हैं। मगर इन नियुक्तियों से जुड़ी सर्च एंड सेलेक्शन कमेटी की ओर से चुने गए लोगों में ईरानी द्वारा बताए गए लोग नहीं हैं। इसे लेकर काकोदकर और ईरानी में मतभेद होने की चर्चा है। काकोदकर का कार्यकाल मई में खत्म होने जा रहा है। मगर इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर ईरानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी का कहना है कि स्मृति के नेतृत्व में पिछले नौ महीने में मंत्रालय ने विवाद पैदा करने के अलावा कोई काम नहीं किया है।


राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को यह मुद्दा उठाया। कांग्रेस का आरोप है कि मानव संसाधन विकास क्षेत्र संकट में है। प्रधानमंत्री को खुद हस्तक्षेप कर इस मामले को सुलझाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि काकोदकर के इस्तीफा देने के बाद ईरानी ने मंगलवार शाम उनसे फोन पर बातचीत की थी। माना जा रहा है कि ईरानी ने उन्हें कार्यकाल तक पद पर बने रहने के लिए राजी कर लिया है। मगर 22 मार्च को आईआईटी के निदेशकों की नियुक्ति को लेकर सर्च एंड सेलेक्शन कमेटी की बैठक से काकोदकर के इस्तीफे से सरकार मुश्किल में फंस गई है।
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शेवगांवकर भी छोड़ चुके हैं पद
इससे पहले आईआईटी दिल्ली के निदेशक पद से आर शेवगांवकर ने इस्तीफा दे दिया था। तब भी मानव संसाधन मंत्रालय पर आरोप लगा था कि बार-बार परेशान करने के कारण शेवगांवकर ने पद छोड़ा है। स्मृति पर आईआईटी के निदेशक पद के लिए अपनी पसंद के आवेदक को नियुक्त करने की खातिर मंत्रालय के एक अफसर पर दबाव डालने का आरोप लगा था। अफसर को कहा गया था कि वह चयन पैनल के सदस्यों पर इसके लिए दबाव डाले। ऐसा करने से इनकार करने के बाद उसकी नियुक्ति दूसरे विभाग में कर दी गई।

अब शरद यादव बोले, मैं स्मृति की बहुत इज्जत करता हूं

anil kakodkar resign.
राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर दिए गए अपने विवादास्पद बयान के दो दिन बाद जेडीयू सांसद शरद यादव ने खेद व्यक्त किया है। पूर्व में इस मामले से पल्ला झाड़ चुके यादव को बुधवार को सदन के नेता अरुण जेटली की पहल पर सफाई देनी पड़ी। जेटली ने सदन में कहा कि अखबारों में इस बाबत छपी खबर से लोगों के बीच गलत संदेश गया है। लिहाजा शरद यादव स्थिति साफ कर विवाद को हमेशा के लिए खत्म करें।

यादव ने कहा कि वह स्मृति ईरानी की बहुत इज्जत करते हैं। ईरानी की डिग्री को लेकर उठे विवाद के समय वह पहले व्यक्ति थे जो स्मृति के पक्ष में खड़े थे। यादव ने कहा कि वह ऐसी जगह से आए हैं जहां महिलाओं की इज्जत करना संस्कार की बात होती है। उनके मन में सरकार की दो महिला मंत्रियों वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और स्मृति ईरानी के लिए काफी ऊंचा स्थान है। यादव ने सीतारमन को सरकार की सबसे अच्छा मंत्री करार दे दिया।

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा कि वह महिला सांसदों के लिए सदन में दिए जा रहे किसी बयान के विरोध के बावजूद दखल नहीं देते। लेकिन पुरुष सांसदों का विरोध आक्रामक तरीके से करते हैं। शरद ने साफ किया कि उन्होंने जो भी बयान दिया था वह स्मृति के महिला होने की वजह से नहीं बल्कि उनके मंत्री होने की वजह से दिया था।
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