आइआइटी की मूल्यांकन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आइआइटी व एनआइटी सहित टॉप इंजीनियरिग कॉलेज में दाखिला के समय सरकार द्वारा अपनाई जा रही नई मूल्यांकन (एसेसमेंट) प्रक्रिया को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वीके जैन ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय व सीबीएसई को नोटिस जारी इस मामले में जवाब मागा है। अब इसकी सुनवाई 2 सितंबर को होगी।
इस मामले में अर्नव ओहरी नामक एक छात्र याचिका दायर कर कहा है कि टॉप इजीनियरिग कॉलेज में दाखिले की नई मूल्यांकन प्रक्रिया तय करते समय सरकार ने देश के अन्य बोर्ड द्वारा अपनाए जाने वाले नियमों की अनदेखी की है।
जबकि सीबीएसई की तरह आइसीएसई, बिहार बोर्ड, हरियाणा बोर्ड और यूपी बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने व नंबर देने के अपने तरीके है। ऐसे में 12वीं कक्षा बोर्ड की परीक्षा को 40 फीसद वेटेज देना गलत है। बता दें कि दाखिले का नया तरीका तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने पिछले साल लागू किया था। जिसके तहत आइआइटी-जेईई 2013 परीक्षा नई प्रक्रिया के तहत आयोजित की गई है।
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