नयी दिल्ली, 21 अगस्त भाषा उच्चतम न्यायालय ने अंतरजातीय या अपने गोत्र में ही विवाह करने वाले जोड़ों की झाूठी शान के नाम पर परिवार के लोगों द्वारा उत्पीड़न और हत्या को रोकने के तरीकों पर आज एक एनजीओ, एक न्यायमित्र और खाप पंचायतों से सुझााव मांगे। प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्त िडी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामले में अदालत की सहायता कर रहे न्यायमित्र वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन से दो सप्ताह में अपने सुझााव अद्यतन करने को कहा। पीठ ने एनजीओ शक्ति वाहिनी और खाप पंचायतों समेत अन्य पक्षों से अपने सुझााव दाखिल करने को कहा और चार सप्ताह बाद याचिका पर सुनवाई की तारीख मुकर्र की। उक्त एनजीओ ने साल 2010 में शीर्ष अदालत से मांग की थी कि केंद्र और राज्य सरकारों को कुछ कदम उठाकर झाूठी शान के नाम पर होने वाले अपराधों को रोकने और नियंत्र्ाित करने के निर्देश दिये जाएं। इससे पहले शीर्ष अदालत ने खाप पंचायतों को झाूठी शान के नाम पर युवा जोड़ों और महिलाओं का उत्पीड़न करने और लोगों की हत्या करने से रोकने का कोई आदेश जारी करने से पहले उनकी राय जानने के लिए बुलाया था। केंद्र सरकार ने खाप पंचायतों द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर निगरानी रखने की प्रणाली बनाने के लिए शीर्ष अदालत में दलील दी थी। भाषा