हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे...
जिला दतिया (म.प्र.) से रामजी राय मजदूरों को समर्पित एक गीत सुना रहे हैं:
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेगे-
एक खेत नहीं, एक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे-
हम मेहनतकश जग वालों से...
यहाँ पर्वत-पर्वत हीरे हैं, यहाँ सागर-सागर मोती हैं-
ये सारा माल हमारा हैं, हम सारा खजाना मांगेंगे-
हम मेहनतकश जग वालों से...
वो सेठ-व्यापारी-रजवाड़े, 10 लाख तो हैं हम सवा सौ करोड़-
ये कब तक अमरिका से, यूँ जीने का सहारा मांगेंगे-
हम मेहनतकश जग वालों से...
जो खून बहा, जो बाग उजड़े, जो गीत दिलों में क़त्ल हुए-
हर कतरे का हर गुन्चे का, हर गीत का बदला मांगेंगे-
हम मेहनतकश जग वालों से...
जब सब सीधा हो जायेगा, जब सब झगड़े मिट जायेंगे-
हम मेहनत से उपजायेगे, और सब बांट बराबर खायेंगे-
हम मेहनतकश जग वालों से...