आज बिरज में होरी रे रसिया...होली गीत
अनीता कुमारी, मुजफ्फरपुर, बिहार से होली गीत प्रस्तुत कर रही हैं:
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में...
गोरी-गोरी गोपियों ने छेड़ा नन्दलाल को-
मार के अबीर रंग डाला उनके गाल को-
आधे लाल-लाल आधे ! काले रे कन्हैया-
आज बिरज में...
कैसे मान जाते नंदलाला हार मानके-
गोपियों को मारी पिचकारी तान-तान के-
भीग गई चुनरी, भीगी रे अटरिया-
आज बिरज में होरी...