विदेशी करेंसी कमाने के लिए अपने नागरिकों को बेच रहा है उत्तर कोरिया
दुनिया को परमाणु बम से दहलाने की तैयारी में जुटा सनकी तानाशाह किम जॉन्ग अपने इस सपने के लिए पैसे कहां से लाता है?
- News18India
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दुनिया को परमाणु बम से दहलाने की तैयारी में जुटा सनकी तानाशाह किम जॉन्ग अपने इस सपने के लिए पैसे कहां से लाता है? इस सवाल को जवाब इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है और चौंका भी रहा है. दावा किया जा रहा है कि किम जॉन्ग ने पैसे के लिए अपने देश के नागरिकों को बेचना शुरू कर दिया है. क्या वाकई किम जॉन्ग ऐसा कर रहा है.
पिछले कई सालों में नॉर्थ कोरिया की सरकार ने पैसे कमाने के लिए गलत तरीकों का सहारा लिया. इसमें हथियार बेचने, ड्रग स्मगलिंग और नकली यूएस डॉलर करेंसी का धंधा करना शामिल था लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उसकी आमदनी के साधन बंद हो गए. जिसके बाद उसने विदेशी मुद्रा कमाने के लिए गुलाम मजदूरों का धंधा शुरू कर दिया है. नॉर्थ कोरिया सरकार ने अपने हजारों नागरिकों को गुलाम मजदूर बनाकर रूस भेजना शुरू कर दिया है.
दक्षिण कोरिया की डाटा बेस सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की ओर से जारी रिपोर्ट पर कहा गया है
उत्तर कोरिया से करीब 50 से 60 हजार लोग रूस भेजे गए हैं.
रूस में गुलामी कर रहे कोरियाई नागरिकों को काम की एवज में रूस नॉर्थ कोरिया को 120 मिलियन डॉलर यानि साढ़े 7 हजार करोड़ रुपए देता है.
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि, तानाशाह किम जोंग उन को सरकार चलाने के लिए फंड की कमी पड़ रही है. इसलिए वो इन पैसों का इस्तेमाल सरकारी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहा है.
रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हाल ही में बने फुटबॉल मैदान के निर्माण में भी इन्हीं कोरियाई मजदूरों का उपयोग किया था. साथ ही रूस की राजधानी मॉस्को में बन रहे लग्जरी अपार्टमेंट्स बनाने में भी कोरियाई मजदूरों की मदद ली जा रही है.
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