प्रदीप ठाकुर, नई दिल्ली
अदालतों के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता लाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जजों के परफॉर्मेंस के खास पॉइंट्स को सार्वजनिक करने के लिए आग्रह किया है।
मोदी सरकार का मानना है कि इससे न्यायपालिका में जवाबदेही बढ़ेगी और लंबित पड़े मामलों को कम करने में सहूलियत होगी। हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम की जगह पर लाए गए नैशनल जुडिशल अपॉइंटमेंट्स कमिशन (NJAC) की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सरकार ने अधिक पारदर्शिता लाने की मांग की है।
जजों के परफॉर्मेंस के खास पॉइंट्स में यह भी देखा जाएगा कि किसी केस के निपटारे के दौरान जज औसतन कितनी बार सुनवाई रोकते हैं। यह भी देखा जाएगा कि बड़ी अदालतें मुकदमे की कार्यवाही को कितनी बार रोकते हैं।
इस स्टोरी को इंग्लिश में पढ़ेंः Govt seeks judges’ appraisal from Supreme Court
अदालतों के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता लाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जजों के परफॉर्मेंस के खास पॉइंट्स को सार्वजनिक करने के लिए आग्रह किया है।
मोदी सरकार का मानना है कि इससे न्यायपालिका में जवाबदेही बढ़ेगी और लंबित पड़े मामलों को कम करने में सहूलियत होगी। हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम की जगह पर लाए गए नैशनल जुडिशल अपॉइंटमेंट्स कमिशन (NJAC) की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सरकार ने अधिक पारदर्शिता लाने की मांग की है।
जजों के परफॉर्मेंस के खास पॉइंट्स में यह भी देखा जाएगा कि किसी केस के निपटारे के दौरान जज औसतन कितनी बार सुनवाई रोकते हैं। यह भी देखा जाएगा कि बड़ी अदालतें मुकदमे की कार्यवाही को कितनी बार रोकते हैं।
इस स्टोरी को इंग्लिश में पढ़ेंः Govt seeks judges’ appraisal from Supreme Court