लॉयन न्यूज, स्पोटर्स/नई दिल्ली। दिनेश कार्तिक के आखिरी गेंद पर लगाए गए छक्के के दम पर भारत ने सांसें थाम देने वाले फाइनल में बांग्लादेश को चार विकेट से हराकर निडास ट्रॉफी ट्राई टी-20 खिताब अपने नाम कर लिया। वैसे तो इस मैच में पूरी टीम ने बढिय़ा प्रदर्शन किया, लेकिन मैच के असली ‘हीरो’ दिनेश कार्तिक ही रहे। दिनेश कार्तिक ने 8 गेंद पर 29 रनों की आतिशी पारी खेली। कार्तिक ने अपनी आतिशी पारी में 2 चौके और 3 छक्के लगाए। कार्तिक जिस समय बल्लेबाजी के लिए आए थे उस समय भारत बेहद मुश्किल स्थिति में था, लेकिन इस अनुभवी खिलाड़ी ने संयम बनाए रखते हुए बेहतरीन शॉट्स खेले। मनीष पांडे के आउट होने के बाद कार्तिक मैदान पर आए। उस समय भारत को 12 गेंदों पर 34 रन चाहिए थे। कार्तिक ने दो छक्कों और दो चौकों की मदद से कुल 22 रन बटोरे. भारत को अब छह गेंदों पर 12 रन की जरूरत थी।

अंतिम गेंद में चाहिए थे 5 रन
भारत को अंतिम गेंद पर जीत के लिए पांच रन चाहिए थे और कार्तिक ने मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगाते हुए भारत को यादगार जीत दिलाई। भारत को यह मैच जिताने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ कार्तिक को मिलना चाहिए , क्योंकि उन्होंने असंभव को संभव करते हुए भारत को अपने पड़ोसी के हाथों शर्मनाक हार से बचा लिया। दिनेश कार्तिक इस टी-20 सीरीज में सभी मैचों में नाबाद रहे।

कैसा है वनडे मैचों में परफॉर्मेंस?
दिनेश कार्तिक के वनडे करियर की बात करें तो अभी तक उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैच में कोई शतक नहीं जड़ा है। वनडे मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 79 है जो उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2010 में लगाई थी। अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में उन्होंने अब तक 9 अर्धशतक लगाए हैं। टेस्ट मैच की बात करें तो उन्होंने टेस्ट में एकमात्र शतक बांग्लादेश के खिलाफ जड़ा है। 2007 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में 129 रनों की पारी खेली थी। टेस्ट मैच में उन्होंने अब तक 1 शतक और 7 अर्धशतक लगाए हैं।

कैसा है टेस्ट मैचों में परफॉर्मेंस?
दिनेश कार्तिक ने अब तक कुल 23 टेस्ट मैच खेले हैं। 23 टेस्ट मैच के 37 पारियों में उन्होंने 27.77 के औसत से 1000 रन बनाए हैं। 79 वनडे मैचों में 29.92 के औसत से कार्तिक ने 1496 रन बनाए हैं। उनका औसत सबसे अच्छा टी-20 मैचों में है। अब तक उन्होंने कुल 19 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें 33.62 के औसत से कुल 269 रन बनाए हैं। टी-20 करियर की शुरुआत उन्होंने 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ की थी।