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ओला, उबर के 80 हजार से ज्यादा ड्राइवर हड़ताल पर, थमीं मुंबई की रफ़्तार

न्यूज एजेंसी | Updated on: 19 March 2018, 18:11 IST

ओला व उबर के 80,000 से ज्यादा चालकों के सोमवार को हड़ताल पर चले जाने की वजह से मुंबई के लाखों यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतुक सेना (एमएनवीएस) के अध्यक्ष संजय नाईक ने आईएएनएस से कहा, "चालकों की विभिन्न मांगों के समर्थन में मध्यरात्रि से हड़ताल शुरू की गई है. चालकों के साथ कंपनियां अन्याय कर रही हैं. यदि सरकार मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे."

एमएनवीएस राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से संबद्ध है.उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आंदोलन के हिस्से के तौर पर औरंगाबाद, नासिक, पुणे व महाराष्ट्र के दूसरे शहरों के ओला व उबर के हजारों चालकों ने इसमें भाग लिया. दोनों कंपनियों के प्रवक्ताओं से आईएएनएस ने संपर्क किया, लेकिन उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया.

सर्वाधिक परेशानी उन यात्रियों को हुई, जिन्हें उड़ान पकड़ने के लिए हवाईअड्डे पर या रेलगाड़ी पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर जाना था. उन स्थानीय यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी, जिन्हें किसी व्यापारिक बैठकों में हिस्सा लेने जाना था.

नाईक ने कहा कि ओला व उबर ने कैब चालकों कोसर्वाधिक परेशानी उन यात्रियों को हुई, जिन्हें उड़ान पकड़ने के लिए हवाईअड्डे पर या रेलगाड़ी पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर जाना था. उन स्थानीय यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी, जिन्हें किसी व्यापारिक बैठकों में हिस्सा लेने जाना था.

नाईक ने कहा कि ओला व उबर ने कैब चालकों को 1.25 लाख प्रति महीने से ज्यादा के बड़े फायदे का वादा किया था, जिन्होंने इसमें पांच से सात लाख रुपये का निवेश किया है.

नाईक ने कहा, "अब स्थिति यह है कि बहुत से चालकों को मुश्किल से वादे का आधा फायदा मिल रहा है, जो उनकी लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है. दोनों कंपनियों के कुप्रबंधन की वजह से चालक वास्तव में भूखमरी के कगार पर हैं."

एमएनवीएस ने मुंबई के यात्रियों से वैकल्पिक इंतजाम करने व ओला व उबर चालकों के लिए 'न्याय की लड़ाई में साथ' देने की अपील की है. 1.25 लाख प्रति महीने से ज्यादा के बड़े फायदे का वादा किया था, जिन्होंने इसमें पांच से सात लाख रुपये का निवेश किया है.नाईक ने कहा, "अब स्थिति यह है कि बहुत से चालकों को मुश्किल से वादे का आधा फायदा मिल रहा है, जो उनकी लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है. दोनों कंपनियों के कुप्रबंधन की वजह से चालक वास्तव में भूखमरी के कगार पर हैं."

एमएनवीएस ने मुंबई के यात्रियों से वैकल्पिक इंतजाम करने व ओला व उबर चालकों के लिए 'न्याय की लड़ाई में साथ' देने की अपील की है.

First published: 19 March 2018, 18:11 IST