छुट्टियों और त्योहारों में पैसेंजर्स को मिलेगा डिस्काउंट
लॉयन न्यूज, नई दिल्ली। रेल मंत्रालय फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को हटाकर डायनेमिक फेयर स्कीम लाने पर विचार कर रहा है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी। बजट के एक दिन बाद ही कई नेताओं ने उनसे रेलवे के बजट और स्कीम्स को लेकर सवाल पूछे, जिनके जवाब में गोयल ने रेलवे को बदलने का अपना प्लान बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे की क्षमता को बढ़ाने के लिए डायनेमिक फेयर स्कीम और देशभर के सिग्नलिंग सिस्टम को बदलने की जरूरत है।

स्कीम से बढ़ेगा प्रॉफिट
पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे की एक कमेटी ने डायनेमिक फेयर सिस्टम पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इसमें बताया गया है कि टिकटों के दाम किस तरह बढ़ाए और घटाए जा सकते हैं। इस सिस्टम से रेलवे के प्रॉफिट को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा मदद
रेलमंत्री ने बताया कि डायनेमिक फेयर सिस्टम के तहत ऑफ-सीजन के दौरान पैसेंजर्स को डिस्काउंट दिया जाएगा। किराए को एडजस्ट करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी, ताकि रेवेन्यू बढ़ाया जा सके।

डिमांड और सप्लाई से तय होंगे टिकट के दाम
गोयल ने कहा, “इस सिस्टम में किराया बढ़ाने या घटाने के लिए टिकटों की डिमांड और सप्लाई देखी जाएगी। इससे कभी पैसेंजर्स को टिकट की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी और कभी कम।”

क्षमता बढ़ाने पर रहेगा जोर
चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूछा कि बजट में किए गए वादों का खर्चा सरकार उठाएगी या रेलवे, क्योंकि दोनों बजट (आम बजट और रेलवे बजट) अब साथ ही पेश किए जाते हैं। इसपर रेलमंत्री ने कहा कि रेलवे को अपनी क्षमता बढ़ाने पर भी जोर देना होगा ताकि प्रॉफिट बढ़ाने के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी पूरा किया जा सके।

रेल व्यवस्था सुधारने पर जोर
पीयूष गोयल ने कहा कि मंत्रालय पूरे सिग्नलिंग सिस्टम की ओवरहॉलिंग का प्लान बना रहा है। जल्द ही इसमें ‘ETS II’ जैसी मॉडर्न सिग्नल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा।

उन्होंने बताया- “हम 5 से 6 सालों में देशभर की 1,10,000 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों पर सिग्नल सिस्टम बदलने जा रहे हैं। जैसे ही सिग्नल सिस्टम बदलेगा, मैं रेलवे की क्षमता को दुगना करूंगा। एक बार ये हो गया तो रेलवे अपनी क्षमता के मुताबिक जिम्मेदारी भी उठा सकेगी।”

एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि रेलवे नुकसान में नहीं है, बल्कि ऐसी स्कीम्स से रेलवे का प्रॉफिट बढ़ाने के लिए लाई जाती हैं। रेलमंत्री ने कहा कि पिछले करीब 4 सालों से ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ा है जिससे रेल बजट पर दबाव बन रहा है।