गाय के सम्मान पर भारी पड़ी अशोक सिंघल की अस्थियां, VHP कार्यकर्ताओं ने पैरों से मारा

8 वर्ष पहले
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लखनऊ. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक रहे अशोक सिंघल की अस्‍थियां गाय के सम्‍मान पर भारी पड़ गईं। दरअसल, लखनऊ के हुसैनगंज स्‍थित सिटी मॉन्‍टेसरी स्‍कूल के सामने वीएचपी कार्यालय में रखी उनकी अस्‍थियां गुरुवार को राजधानी में लोगों को दर्शन कराने के लिए रथ से ले जाई जा रही थी। गली संकरी होने के कारण रथ मुड़ नहीं पा रहा था, क्‍योंकि सामने तीन-चार गाएं बैठी हुई थीं। ऐसे में विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकर्ताओं ने न आव देखा न ताव, गाय को पैरों से मारना शुरू कर दिया। इस मसले पर वीएचपी प्रवक्‍ता ने कहा है कि‍ जो व्‍यक्‍ति‍ गाय को पैर से मार रहा था, उसका वीएचपी से कोई संबंध नहीं है।
अब सवाल ये उठ रहा है कि दादारी में गोमांस खाने की अफवाह के चलते 50 वर्षीय अखलाक की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई थी। उसके खि‍लाफ वीएचपी सहित तमाम हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था। अब उस गाय की सम्‍मान कहां गई, जिसे खुद वीएचपी कार्यकर्ता ही पैरों से मार रहे हैं। दूसरी ओर, देश में इस समय इन्‍टॉलरेंस को लेकर लंबी बहस छिड़ी हुई है और संसद में पीएम मोदी इस मुद्दे पर बहस की अगुवाई कर रहे हैं।
रथ पर लिखा था- किसी प्राणी को चोट पहुंचाना, परमात्‍मा को दुखी करने के समान है
जिस रथ से अशोक सिंघल की अस्थियां शहर में घुमाने के लिए ले जाई जा रही थी, उस पर स्‍लोगन लिखा था कि किसी भी प्राणी को दुख पहुंचाना, परमात्‍मा की अनदेखी करने के समान है। इसके बावजूद विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सामने लिखे स्‍लोगन को भूलकर गाय को पैर से मार रहे थे।
वीएचपी गोरक्षा के लिए चलाती है कार्यक्रम
शर्मिंदगी की बात ये है कि वीएचपी हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को गोरक्षा के लिए प्रेरित करती है। देशभर में विभिन्न कार्यक्रम के अलावा गौरक्षा का कार्यक्रम भी चलाती है। ऐसे में गाय को पैर से मारकर हटाना विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के लिए काफी शर्म की बात है। जब वीएचपी के कार्यकर्ता ही ऐसा करेंगे, तो वो दूसरे को क्‍या सीख देंगे।
क्या कहते हैं वीएचपी के पदाधिकारी
विश्‍व हिंदू परिषद के प्रदेश सहमंत्री वेद प्रकाश सचान से जबdainikbhaskar.com ने इस मामले पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि यह गलत तरीका है। संगठन में नए-नए लोग आ गए हैं, उन्‍होंने ही यह गलती की होगी। सचान ने कहा, ‘मैं वहां पर मौजूद नहीं था, अगर रहता तो ऐसा नहीं होता। हम सिर्फ गाय की रक्षा नहीं करते, बल्कि गोवंश के साथ-साथ सभी प्राणियों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। हो सकता है कि रथ मुड़वाने के चक्कर में कार्यकर्ताओं ने किया होगा, लेकिन गलत है।’
वीएचपी ने दी सफाई
इस पूरे मसले पर वीएचपी ने सफाई दी है। वीएचपी प्रवक्ता अम्बुज ओझा ने कहा है कि रथयात्रा के दौरान जो व्यक्ति गाय को पैर से मार कर हटा रहा है, उसका वीएचपी से कोई संबंध नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी भी पशु को पैर से मारना गलत है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा चल रही थी। ऐसे में कार्यकर्ताओं के साथ आम लोग भी अशोक सिंघल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। ऐसे में हो सकता है कि‍ किसी ने गाय को हटाने के लिए यह कृत्य किया हो।
पूरे शहर में घूमेगा रथ
गौरतलब है कि अस्थि कलश सोमवार यानि 23 नवंबर को ही राजधानी पहुंच चुकी थी। वहां विहिप कार्यालय पर उसे तीन दिन तक लोगों के दर्शन के लिए रखा गया और तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को उसे पूरे शहर में लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए घुमाया जा रहा है। विहिप के प्रदेश सहमंत्री वेद प्रकाश सचान ने बताया कि यात्रा पूरे शहर में घुमते हुए बर्लिंग्‍टन चाैराहे पर प्रदीप भार्गव के यहां रातभर रुकेगी। उसके अगले दिन अयोध्‍या के लिए रवाना होगी।
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